अविश्वसनीय, अद्भुत और रोमाँचक: अंतरिक्ष

अपोलो १० : मानव इतिहास का सबसे तेज सफर

In चन्द्र अभियान on फ़रवरी 13, 2007 at 1:40 पूर्वाह्न

अपोलो १० अपोलो कार्यक्रम का चतुर्थ मानव अभियान था। यह दूसरा अंतरिक्ष यात्री दल था जिसने चन्द्रमा की परिक्रमा की। इस अभियान मे चंद्रयान(Lunar Module) की चन्द्रमा की कक्षा मे जांच की  गयी थी। अपोलो ९ ने चंद्रयान की पृथ्वी की कक्षा मे जांच की थी जबकि अपोलो ८ जिसने प्रथम बार चन्द्रमा की परिक्रमा की थी ;चन्द्रयान लेकर  नही गया था।
२००१ के गिनीज विश्व किर्तीमान के अनुसार अपोलो १० के यात्री मानव इतिहास मे सबसे तेज यात्री है। उन्होने ३९,८९७ किमी प्रति घंटा की गति से यात्रा की थी। यह गति उन्होने २६ मई १९६९ को चन्द्रमा से वापिस आते समय प्राप्त की थी।

अपोलो १० लांच पैड की ओर जाते हुये

अपोलो १० लांच पैड की ओर जाते हुये


इस अभियान के यात्री
थामस स्टैफोर्ड(Thomas Stafford) -तीन अंतरिक्ष यात्रा ,कमांडर
जान डब्ल्यु यंग(John W. Young)-तीन अंतरिक्ष यात्रा ,नियंत्रण कक्ष चालक
युगेने सेरनन (Eugene Cernan) -दो अंतरिक्ष यात्रा, चन्द्रयान चालक

सेरनन, स्टैफोर्ड और यंग

सेरनन, स्टैफोर्ड और यंग

 

 

वैकल्पिक दल

गोर्डन कुपर (Gordon Cooper) – मर्क्युरी ९ और जेमीनी ५ का अनुभव , कमांडर
डान आईले (Donn Eisele) -अपोलो ७ का अनुभव, नियंत्रण कक्ष चालक
एडगर मीशेल(Edgar Mitchell)– अपोलो १४ मे उडान , चन्द्रयान चालक

अभियान के कुछ आंकड़े

द्रव्यमान : मुख्य नियंत्रण कक्ष २८,८३४ किग्रा, चन्द्रयान १३,९४१ किग्रा

पृथ्वी की कक्षा

१८४.५ किमी x 190 किमी
अक्ष : ३२.५ डीग्री
१ परिक्रमा के लिये लगा समय : ८८.१ मिनिट

चन्द्र कक्षा
१११.१ किमी x ३१६.७ किमी
अक्ष: १.२ डीग्री
एक पारिक्रमा के लिये लगा समय : २.१५ घंटे

मुख्य नियंत्रण यान और चन्द्रयान जांच
चन्द्रयान का मुख्य नियंत्रण यान से विच्छेद – २२ मई १९६९ शाम ७.००.५७ बजे
चन्द्रयान का मुख्य नियंत्रण यान से फिर से जुडना – २३ मई १९६९ सुबह ०३.००.०२ बजे

अपोलो १० द्वारा चन्द्रमा पर पृथ्वी उदय

अपोलो १० द्वारा चन्द्रमा पर पृथ्वी उदय


२२ मई को रात के ८.३५.०२ बजे, चन्द्रयान का अवरोह इंजन २७.४ सेकंड के लिये दागा गया जिससे चन्द्रयान चन्द्रमा की ११२.८ किमी x १५.७ किमी की कक्ष मे प्रवेश कर गया था। यह यान चन्द्रमा की सतह से रात के नौ बजकर २९ मिनिट और ४३ सेकंड पर चन्द्रमा की सतह से १५.६ किमी उपर था।

इस अभियान की मुख्य बाते
यह अभियान चन्द्रमा पर मानव के अवतरण का अंतिम अभ्यास था। एक तरह से फुल ड्रेस रिहर्शल था। चन्द्रयान (जिसे स्नुपी नाम दिया गया था ) मे सवार स्टैफोर्ड और सेरनन चन्द्रमा की सतह से १५.६ किमी दूर रह गये थे। चन्द्रमा की सतह पर यान के लैण्ड करने वाले अंतिम अवरोह के अलावा सभी कुछ इस अभियान मे किया गया। अंतरिक्ष मे और पृथ्वी पर के नियंत्रण कक्षो ने अपोलो का नियंत्रण और मार्ग दर्शन की सभी जांच सफलतापुर्वक की। पृथ्वी की कक्षा से निकलने के कुछ क्षण बाद SIVB राकेट नियंत्रण कक्ष यान से अलग हो गया था। चन्द्रयान अभी भी राकेट मे लगा था। नियंत्रण कक्ष १८० डीग्री घुम कर SIVB से चन्द्रयान को अपने साथ जोडकर राकेट से अलग हो गया और अपनी चन्द्रमा की यात्रा पर रवाना हो गया।

SIC प्रथम चरण का राकेट

SIC प्रथम चरण का राकेट


चन्द्रयान (स्नूपी)

चन्द्रयान (स्नूपी)

चन्द्रमा की कक्षा मे पहुंचने के बाद यंग मुख्य नियंत्रण कक्ष(जिसे चार्ली ब्राउन नाम दिया गया था) मे ही रहे, स्टैफोर्ड और सेरेनन चन्द्रयान मे चले गये। चन्द्रयान मुख्य नियंत्रण यान से अलग हो कर ‘सी आफ ट्रैन्क्युलीटी’ जगह का सर्वे करने चला गया जहां अपोलो ११ उतरने वाला था। यह चन्द्रयान चन्द्रमा पर उतर नही सकता था क्योंकि इसके पैर नही थे। इस चन्द्रयान ने पहली बार अंतरिक्ष से रंगीन टीवी प्रसारण भी किया।


उसके बाद चन्द्रयान वापिस मुख्य नियंत्रण यान से जुडगया और वापिस पृथ्वी की ओर चल दिया।

यह यान प्रदर्शनी के लिये लिये लंदन मे रखा हुआ है।

  1. यह यान प्रदर्शनी के लिये लिये लंदन मे रखा हुआ है।

    और मैं देख आया हूँ.

    बहुत स्पीड से लिख रहे हो, वाह. एकाएक इतनी ज्ञानवर्षा, कहीं बाढ़ न आ जाये, थोड़ा रुक रुक कर ज्ञान दो भई. ग्राहिता में थोड़ी कमी है, इतना न झेल पायेंगे. चिट्ठा शास्त्रों के हिसाब से हर पोस्ट के बीच चार दिन का अंतर जरुरी है. 🙂

    बढ़िया चल रहा है, जारी रहो. बधाई इस उत्कृष्ट कार्य के लिये. सुनने में आया है विकि को धनी बनाओगे इससे, साधुवाद तुमको और तुम्हारी लगन को.

  2. आशीष, इतनी बेहतर जानकारी संक्षिप्त और सरल रूप मे उप्लब्ध कराने के लिये बहुत धन्यवाद!! लेकिन रफ्तार थोडी कम करो भाई!!

  3. […] took us beyond Moon in Apollo 8, or rather, he told us about the Apollo 8’s mission to Moon, the fastest run of man(till that time) in Apollo 10 & the big leap in Apollo 11. Talk about going places, why not experience the ancient city of […]

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