आपने हालीवुड की फिल्मे “डीप इम्पैक्ट” या “आर्मागेडान” देखी होंगी। इन दोनो फिल्मो के मूल मे है कि एक धूमकेतु/क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराने वाला होता है। इस घटना मे पृथ्वी से समस्त जीवन के नाश का संकट रहता है। माना जाता है कि 6.5 करोड़ वर्ष पूर्व एक ऐसे ही टकराव मे पृथ्वी पर से डायनासोर का विनाश हो गया था।
यदि ऐसी कोई घटना भविष्य मे हो तो मानवता अपने बचाव के लिये क्या करेगी ? डीप इम्पैक्ट और आर्मागेडान की तरह इन धूमकेतु/क्षुद्रग्रह पर परमाणु विस्फोट ?
धूमकेतु/क्षुद्रग्रह पर परमाणु विस्फोट सही उपाय नही है, इससे पृथ्वी पर संकट मे वृद्धि हो सकती है। दूसरे धूमकेतु/क्षुद्रग्रह पर गहरा गढ्ढा खोद कर परमाणु बम लगाना व्यवहारिक नही है।
एक व्यवहारिक उपाय है, विशालकाय अंतरिक्षयान द्वारा धूमकेतु/क्षुद्रग्रह को खिंच कर उसके पथ से विचलीत कर देना। उपरोक्त चित्र इसी उपाय को दर्शा रहा है।
इस उपाय के जनक नासा के जानसन अंतरिक्ष केंद्र के एडवर्ड लु तथा स्टेनली लव है। उनके अनुसार एक 20 टन द्रव्यमान का परमाणु विद्युत चालित यान एक 200 मीटर व्यास के क्षुद्र ग्रह को उसके पथ से विचलित करने मे सक्षम है। करना कुछ नही है, बस उस क्षुद्रग्रह के आसपास मंडराना है, बाकि कार्य उस यान और क्षुद्रग्रह के मध्य गुरुत्वाकर्षण कर देगा। इस तकनिक मे अंतरिक्ष यान इस क्षुद्रग्रह के पास जाकर आयन ड्राइव(ion drive) के प्रयोग से क्षुद्रग्रह की सतह से दूर जायेगा। इस सतत प्रणोद तथा क्षुद्रग्रह और अंतरिक्ष यान के मध्य गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से क्षुद्रग्रह खिंचा आयेगा और पृथ्वी से टकराव के पथ से हट जायेगा।
यह विज्ञान फतांसी के जैसा लगता है लेकिन वर्तमान मे भी आयन ड्राइव(ion drive) के प्रयोग से अंतरिक्ष यान चालित है और गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से किसी भी संरचना और सतह वाले क्षुद्रग्रह/धूमकेतु के पथ को बदलने मे सक्षम है।
+1
Thanx!
जय जय विज्ञान !
Very good.
One may give Yogdaan to translate this artical in Saral Hindi.
http://en.wikipedia.org/wiki/Gravitation
श्रीमान, आप ने इस में एक गलती की है कि डायनासोरो का अंत 65 करोड़ साल पहले हुआ था जो कि गलत है सही 6.5 करोड़ साल है
धन्यवाद , ग़लती सुधार दी है!
सर, गुरुत्वाकृषण बल क्या होता है, ये किसके द्वारा लगाया जाता है।इसके तकनीकी कारण क्या है। क्या हम कृत्रिम गुरुत्वाकृषण बल बना सकते है। क्या पृथ्वी के गुरुत्वाकृषण बल को कम या ज्यादा किया जा सकता है?
Kya samay ko nahi roka ja sakta?
Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
How to explain theory of relativity
sir, ion drive kya h.
रासायनिक रॉकेट में गैसो का उत्सर्जन होता है , आयन ड्राइव इंजन में आयन अर्थात आवेशित परमाणु का उत्सर्जन होता है।
sir, sadharan engine and ion drive engine me kya antar h. and sadharan engine ki tulna me ion drive engine me kya laabh h.
ion drive engine me aaveshit atom ka utsarjan kaise hota h.
sir, “prashn aapke uttar hamare” par mera questions prakashit kyo nahi ho raha h ???
Sir main ye keh raha hu ki yadi antriksha me gravitational force hota hi ni hai to antriksha me koi b yaan apni gati kam aur jyada kaise krta hai ?
Rohit ji gravity har jagah Hoti…bas distance ke saath iski intensity Kam Hoti hai hai..
agar brahmad bistar kar raha hei aur savi akashganga ek dusre se dur jaraha hei to scientist kyun kehtehein ki hamari najdiki akasganga adrominda hamri akasganga milkyy se takranebali hei?
anser me plz