अविश्वसनीय, अद्भुत और रोमाँचक: अंतरिक्ष

युद्ध का देवता

In ग्रह, सौरमण्डल on जनवरी 19, 2007 at 3:27 पूर्वाह्न

मंगल यह सूर्य का चौथा और आकार मे सांतवे क्रमांक का ग्रह है। अपने लाल रंग के कारण यह ग्रीक मिथक कथाओं मे युद्ध का देवता माना जाता रहा है। मार्च महीने का नाम भी इसी ग्रह के नाम पर पडाहै।

विज्ञान कथा लेखकों के लिये यह ग्रह सबसे प्रिय रहा है, उनके अनुसार पृथ्वी के अलावा सौर मंडल मे जीवन की संभावना सिर्फ मंगल मे है। लेकिन सच यह है कि इस ग्रह मे अब तक की खोजों के अनुसार जीवन के कोई लक्षण नही पाये गये है। वैज्ञानिक लावेल द्वारा खोजी गयी नहरें भी अब सिर्फ प्राकृतिक रूप से संरचना है।

चन्द्रमा के अलावा मंगल अकेला ग्रह है जिस पर मानव निर्मित यान पहुंचा है।सबसे पहले मंगल तक पहुंचने वाला यान मैरीनर ४ था जो १९६५ मे मंगल के पास पहुंचा था।उसके बाद मंगल २(Mars 2) पहला यान था जो मगंल पर उतरा था, इसके बाद १९७६ मे वाइकिंग,१९९७ मे पाथफाईंडर, २००४ मे स्प्रिट और आपुरचुनिटी मंगल पर उतर चुके हैं।

मंगल की कक्षा दिर्घवृत्ताकार है। मंगल पर औसत तापमान लगभग -५५ सेल्सीयस रहता है जो सतह पर सर्दियो मे -१३३ सेल्सीयस से गर्मियों मे २७ सेल्सीयस तक पहुंचता है।

मंगल पृथ्वी से बहुत छोटा है लेकिन उसकी सतह का क्षेत्रफल पृथ्वी की सतह के क्षेत्रफल के बराबर ही है। क्योंकि मंगल पर सागर नही है ! मंगल पर पर्वत भी है जिसमे से ओलम्पस मान्स पर्वत यह सौरमण्डल मे सबसे उंचा पर्वत है| इसकी उंचाई लगभग ७८,००० फीट (माउंट एवरेस्ट से तीन गुना उंचा)!

मंगल का वातावरण काफी पतला है जिसमे ९५.३% कार्बन डाय आक्साईड, २.७% नायट्रोजन, १.६% ओर्गन. ०.१५% आक्सीजन और ०.०३ प्रतिशत जल भाप है। वायु का दबाव सिर्फ ७मीलीबार है(पृथ्वी के वायुदाब का सिर्फ १%)। लेकिन वायु दबाव इतना है कि तेज़ हवाये, धूल के अंधड़ चल सकते है।
मंगल का वातावरण ग्रीनहाउस प्रभाव तैयार करता है लेकिन तापमान सिर्फ ५ सेल्सीयस ही बढ़ पाता है जो कि पृथ्वी और शुक्र की तुलना मे काफी कम है।

मंगल के दोनो ध्रुवों पर पानी और कार्बन डाय ऑक्साइड की बर्फ की एक टोपी बनी हुयी है। मंगल की सतह के नीचे पानी की संभावना है।

आशा के विपरीत ,मंगल पर जीवन के कोई लक्षण नही पाये गये है। १९९६ डेविड मैके ने घोषणा की कि ALH84001 उल्का पर किसी पुरातन मंगल के सूक्ष्म जीव के अवशेष पाये गये है। लेकिन वैज्ञानिक समुदाय ने इसे मानने से इंकार कर दिया। यदि मंगल पर जीवन है या था, हम अब तक उसका पता नही लगा पाये है। मतलब कि आशा अभी भी जवान है !

मंगल पर भी (पृथ्वी की तरह ही सर्वत्र नही)चुंबकिय क्षेत्र पाये जाते है। शायद यह क्षेत्र किसी समय मंगल पर रहे सार्वत्रिक चुंबकिय क्षेत्र के अवशेष हैं! यह भी यह मंगल पर किसी प्राचीन काल मेजीवन की संभावना का संकेत है।

मंगल के दो चन्द्रमा भी है जिनका नाम फोबोस और डीमोस है। फोबोस का व्यास ११ किमी है जबकि डीमोस का व्यास सिर्फ ६ किमी है।

रात मे मंगल आसानी नंगी आंखो से देखा जा सकता है।

  1. जानकारी ज्ञानवर्धक है,लेकिन मंगल ग्रह पर
    आए ताजा रिपोर्ट यह बतलाती है कि वहाँ जो
    एक flow of liquid नजर आया है उससे काफी
    संभावना बनती है जीवन होने की……॥

  2. यूरेनस, गुरु और मंगल की ज्ञानवर्धक जानकारी सरल शब्दों मे देने का धन्यवाद्.

  3. इसका लाल रंग का वही कारण है जो कि कटे सेब में होता है। यानि आयरन औक्साईड।

  4. अरे कहाँ छिपे हुए अब तक मेरे भाई ??

    इस प्रकार के ब्लौग को देख कर तो दिल गार्ड्न-गार्डन हो गया.

    आशा करता हूँ की भविष्य में कुछ और मजेदार चीजें पढने को मिलेगी इस ब्लौग में.

    लगे रहिये !!!!!!!!!!!

इस लेख पर आपकी राय: