अमरीकी अंतरिक्ष यान अटलांटिस अपनी अंतिम उड़ान एसटीएस 135 की समाप्ति पर 21 जुलाई 2011 को धरती पर फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर में उतर गया है।
इसके साथ ही मानव के अंतरिक्ष अभियान में अमरीका के प्रभुत्व का एक दौर ख़त्म हो गया है क्योंकि इसके साथ ही अमरीकी अंतरिक्ष केंद्र नासा का तीस वर्षों का अंतरिक्ष कार्यक्रम ख़त्म हो गया है। इन तीस वर्षों में नासा ने अंतरिक्ष यानों अटलांटिस, चैलेंजर, कोलंबिया, डिस्कवरी और एंडेवर नाम के अंतरिक्ष यानों का एक बेड़ा तैयार किया।
ये दुनिया का पहला ऐसा अंतरिक्ष यानों का बेड़ा था जिसका बार बार उपयोग किया जा सकता था। ये अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में जाने और आने के लिए, उपग्रहों की तैनाती के लिए और अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण और वहाँ बार बार जाने के लिए के लिए प्रयुक्त होते थे।
अटलांटिस अपने चार यात्रियों के साथ फ़्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में 21 जुलाई 2011 गुरुवार को अमरीका में सूर्योदय से कुछ समय पहले उतरा।
यह अटलांटिस ने अंतरिक्ष स्टेशन की अपनी तेरहवीं यात्रा थी। अपने अंतिम उड़ान पर गए अटलांटिस ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में क़रीब चार टन की सामग्री पहुँचाई है, जिसमें बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री भी है। इसके बाद अटलांटिस को डिस्कवरी और एंडेवर की तरह सेवामुक्त कर दिया गया है, जबकि कोलंबिया और चैलेंजर दुर्घटना मे नष्ट हो चुके है। अटलांटिस को कैनेडी स्पेस सेंटर में दर्शकों के लिए रख दिया जाएगा।
ये यान वहाँ जिन आँकड़ों के साथ ख़डा होगा उसमें 33 उड़ानें, अंतरिक्ष में 307 दिन, पृथ्वी की 4,848 परिक्रमा और कुल 20 करोड़, 26 लाख 73 हज़ार 974 किलोमीटर की यात्रा शामिल होगी।
अटलांटिस के पहिए का विमानतल पर रुकना एक भावुक क्षण है। इसके साथ अमरीका का तीस वर्ष पुराना अंतरिक्ष अभियान ख़त्म हो रहा है तथा इन अंतरिक्ष यानों को संचालित करने के लिए रखे गए तीन हज़ार लोगों का भी काम कुछ ही दिनों के भीतर ख़त्म हो जाएगा। इसमें कम से कम दो वर्षों का समय लगेगा जब अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़ी सारी गतिविधियाँ ख़त्म की जाएँगी और बरसों में जुटाए गए अंतरिक्ष इंजीनियरिंग के आँकड़ों को संरक्षित किया जायेगा।
इसके साथ ही अमरीका के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक ऐसा शून्य पैदा हो जाएगा जो कम से कम तीन या चार वर्षों तक तो नहीं भरा जा सकेगा। अटलांटिस की वापसी के बाद अमरीका को अंतरिक्ष स्टेशन तक जाने के लिए रूस के सोयूज़ यानों पर निर्भर करना पड़ेगा। अमरीका रूस पर तब तक निर्भर रहेगा जब तक अमरीकी निजी कंपनियाँ नए अंतरिक्ष यानों का निर्माण नहीं कर लेतीं। यह एक संयोग है कि रूस ने अमरीकी अंतरिक्ष शटल के जैसे यान बुरान पर कार्य प्रारंभ किया था लेकिन सोवियत संघ के ढहने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था और अपने सोयूज यानो को जारी रखा था। अमरीकी अंतरिक्ष शटलो के अध्याय के पश्चात आज दोनो अंतरिक्ष महाशक्ति सोयूज पर निर्भर है।