ब्रह्मांडीय सागर मे किसी जहाज़ के जैसे तैरता हुआ यह भगोड़ा सितारा! इस तारे का नाम ज़ीटा ओफ़ीयुची है जो एक विशाल धनुषाकार खगोलीय तंरग का निर्माण कर रहा है। य चित्र अवरक्त प्रकाश मे लिया गया है। इस प्रतिनिधी रंग छवि के मध्य मे निले रंग का तारा ज़ीटा ओफ़ीयुची है को सूर्य से 20 गुणा ज्यादा द्रव्यमान का है, यह 24 किमी प्रति सेकंड की गति से बायें ओर गतिमान है। इस तारे की अगुवाई धनुषाकार मे ब्रह्माण्ड वायु कर रही है जो कि तारों के मध्य के विरल खगोलिय पदार्थ को संपिडित कर धनुषाकार दे रही है।
यह तारा इतनी तेजी से क्यों भागा जा रहा है ?
अनुमान है कि ज़ीटा ओफ़ीयुची एक युग्म तारा प्रणाली का भाग रहा होगा, जिसका साथी तारा ज्यादा विशालकाय होने से अल्पायु का रहा होगा। ज़ीटा ओफ़ीयुची के साथी तारे की मृत्यु एक सुपरनोवा के रूप मे हुयी होगी और इस सुपरनोवा विस्फोट प्रक्रिया मे द्रव्यमान की क्षति से युग्म तारा प्रणाली का संतुलन बिगड़ जाने से ज़ीटा ओफ़ीयुची तेज गति से फेंका गया होगा। ये कुछ उसी तरह से है जब हम किसी गोफन मे पत्थर बांध कर उसे घुमाकर छोड़ देते है, पत्थर तेज गति से फेंका जाता है।
ज़ीटा ओफ़ीयुची सूर्य की तुलना मे 65000 ज्यादा दीप्तिमान है। यदि यह तारा धूल के विशालकाय बादलों से ढंका ना होता तो आकाश मे सबसे ज्यादा दीप्तिमान तारा होता।
उपरोक्त चित्र द्वारा प्रस्तुत अंतराल की चौड़ाई 12 प्रकाशवर्ष है।
प्रभावशाली !!
शुभकामना !!
आर्यावर्त शुभकामना !!
रोचक जानकारी
Good
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sir kya space me earth se battqy charge ki ja sakti hai
Your story was always good for science student
शुभकामना!